यह एक सच बात है कि सोच एक बहुत शक्तिशाली भाव है जिसे बदल पाना मुश्किल ही नहीं बल्कि असंभव है पर उसमे निश्चित लक्ष्य लगन और कुछ कर दिखाने की तागत होनी चाहिए
कि मनुष्य सोच कर भी अमीर बन सकता है ऐसा इसलिए कहते है क्योंकि बहुत समय पहले की बात है
बान्स में एक ख़ास बात थी और वो ये कि वह अपनी बात पर हमेशा अडिग रहते थे वह एडीसन के साथ काम करना चाहते थे लेकिन सिर्फ अपने लक्ष्य पूर्ति के उद्देश्य से ना कि एडीसनके लिए। इसलिए पाठको से निवेदन है कि इस टाइटल के हर एक वाक्य को ध्यानपूर्वक पढ़ें और उन सब सिद्धांतों को अच्छी तरह से समझे ताकि आप भी अपनी विचार शक्ति से अपने जीवन को एक नई दिशा में ले जा सकते हैं जब पहली बार उनके मन में यह ख्याल आया तो उस वक्त वह इस स्थिति में नहीं थे कि इसे सकारात्मक रूप दे सकें रास्ते में उनके रास्ते में दो मुश्किलें थी पहली यह कि वह एडिशन को जानते नहीं थे और दूसरी कि उनके पास ऑरेंज न्यूजर्सी जाने के लिए रेल यात्रा के लिए किराए के पैसे नहीं थे
इस तरह की मुसीबत में मजबूत से मजबूत इंसान का भी हौसला तोड़ देती हैं और वह हार मान कर बैठ जाता है लेकिन बानर्स बुलंद इरादों के आगे कोई आज बाधा ज्यादा देर तक नहीं टिक पाई और उन्होंने मालगाड़ी से यात्रा करने का फैसला किया
फिर एक दिन वह मिस्टर एडीसन की प्रयोगशाला में जा पहुंचे और एडीसन को अपने वहां आने का मकसद बताते हुए कहा कि वह महान आविष्कारक का बिजनेस पार्टनर बनने आया है ऐसा करते वक्त ना तो उसकी आंखों में कोई डर था और ना ही किसी तरह की हिचकिचाहट अगर कुछ था तो अपने उद्देश्य पूर्ति का जज्बा उनकी और एडिशन की पहली मुलाकात के बाद बारे में कई वर्षों बाद एडिशन ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा।
वह एक सड़क छाप की तरह मेरे सामने खड़ा था उसका हुलिया बहुत खराब था अस्त-व्यस्त से बिखरे बाल अजीबो-गरीब पहनावा सब कुछ एकदम अलग मानो किसी दूसरी दुनिया का आदमी हो लेकिन इसके बावजूद भी उसने ऐसा कुछ आकर्षण था जो मुझे लगातार उसकी तरफ खींचा जा रहा था उसकी आंखों की चमक और चेहरे के भावों कुछ तो था जिसे पूरा करने वह यहां आया था ऐसे
लोग दृष्टि संकल्प भी होते हैं और जो वह कहते हैं उसे पूरा करके ही दम लेते हैं अपने जीवन के कई सालों के अनुभव से मैंने एक बात सीखी है कि अगर कोई व्यक्ति किसी काम को करने की ठान लेता है तो उसे पूरा करने के लिए हर मुश्किल का सामना करने को तैयार रहता है और ऐसी व्यक्तियों की जीत होना सुनिश्चित है मैंने भी उसे खुद को साबित करने का एक मौका दिया जो कि मैं जान चुका था कि उसका उद्देश्य निश्चित है और वह उसमें तब तक लगा रहेगा जब तक कि वह सफल ना हो जाए और आज मुझे अपने उस वक्त लिए फैसले पर गर्व महसूस हो रहा है
दरअसल उस वक्त एड़ी एडिशन बानर्स के हुलिए से नहीं बल्कि उसकी सोच से प्रभावित थे
अपनी लक्ष्य प्राप्ति के लिए बानर्स को कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा एडिशन ने उसे अपने ऑफिस में बहुत कम तनख्वाह पर काम पर रखा जो के एडमिशन के लिए कोई ज्यादा बड़ी बात नहीं थी लेकिन बानर्स के लिए यही उसकी मंजिल की पहली सीढ़ी थी
बहुत महीने निकल गए इसी दौरान कुछ भी ऐसा घटित नहीं हुआ जिसमें कि बानर्स को अपने लक्ष्य तक पहुंचने का रास्ता मिल पाता लेकिन बानर्स के दिमाग में गतिविधियां लगातार सकारात्मक रूप लेती गई एडिशन का बिजनेस पार्टनर बनने की इच्छा निरंतर उसके मन में घर करती गई।
मनोविज्ञान का यह कहना बिल्कुल सही है कि जब कोई व्यक्ति किसी चीज के लिए सचमुच तैयार होता है तो वह उसे जरूर मिलती है बानर्स ने भी संकल्प कर लिया था कि जब तक अपनी मनोइच्छा पूरी ना हो जाए वह पीछे मुड़कर नहीं देखेगा
उसने कभी खुद से यह नहीं कहा अरे मुझे ऐसा काम करने की क्या जरूरत है इससे तो बेहतर है कि मैं कहीं दूसरी जगह जाकर सेल्समैन की नौकरी कर लूं इसकी वजह उसने कहा कि मैं यहां एडिशन के साथ काम करने आया हूं और अपनी आखिरी सांस तक इसे पूरा करके ही रहूंगा अपनी बात से पीछे हटना उसके लिए असंभव सी बात थी उसका मानना था कि अगर कोई व्यक्ति संपूर्ण एकाग्रता और संपन्न से अपनी लक्ष्य की प्राप्ति में जुड़ जाता है तो उसकी किस्मत बदल सकती है
बानर्स की यही मेहनत लगन व दृष्टि संकल्प धीरे-धीरे सारी बाधाओं को दूर करते हुए उसे मंजिल के करीब लाता गया और जल्द ही उसे वह मौका मिल गया जिसका उसे बहुत समय से इंतजार था वह कहावत तो सबने सुनी होगी कि सब्र का फल मीठा होता है ऐसा ही कुछ बानर्स के साथ भी हुआ उसने सब मुश्किलों का धैर्य पूर्वक सामना किया जिसका परिणाम बहुत ही रोमांचक रहा बानर्स ने कभी उम्मीद नहीं की थी कि उसकी परीक्षा इतनी जल्दी खत्म हो जाएगी और उसे खुद को साबित करने का मौका मिल जाएगा चालबाजी करना ज्यादातर इंसानों की फितरत में होता है लेकिन नियति कब क्या खेल खेलती है यह जानना सबके बस की बात नहीं है सब इतने चुप के से होता है कि पल में ही सारी बाजी पलट जाती है और हम सब मूकदर्शन की तरह खड़े देखते ही रह जाते हैं
एडिसन ने एक नया ऑफिस यंत्र बनाया जिसे उस वक्त एडिशन डिटेक्टिंग मशीन के नाम से जाना जाता था लेकिन उसके सेल्समैन में इस मशीन को लेकर कुछ ज्यादा उत्साह नहीं था उनका कहना था कि इस तरह की मशीन को बेचना कोई आसान काम नहीं है लेकिन बानर्स ने उस पर भी मौका नहीं छोड़ा और इस मशीन को ही आगे बढ़ने का मार्ग बनाया जिसमें से उसे और एडिशन को छोड़कर किसी तीसरे को कोई विशेष रूचि नहीं थी बानर्स को यकीन था कि वही एडिशन की इस मशीन को बेच सकता है और उससे उसने जैसे ही यह बात एडिशन को बताई तो उन्होंने तुरंत ही बानर्स को इस यंत्र को बेचने की इजाजत दे दी उसने मशीन इतनी सफलतापूर्वक बीच की एडमिशन की खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं रहा और उसने बांस को देश भर में मशीन डिस्ट्रीब्यूटर मार्केट करने का कोस्ट्रक्ट दे दिया बिजनेस ने 3 साल में इतना पैसा कम आएगा जितना उसने खयालों में भी नहीं सोचा था लेकिन सबसे अहम बात तो यह थी कि उसके लिए पैसा इतना जरूरी नहीं था जितना कि उसके उद्देश्य की उपलब्धि उसने साबित कर दी कि इंसान चाहे तो सोचकर भी अमीर बन सकता है
बानर्स इस की छोटी सी मौलिक इच्छा के वास्तविक मूल्य का ज्ञान तो मुझे भी नहीं है लेकिन हां इतना अनुमान अवश्य है कि उसे 20 या $300000 से कम ना मिले होंगे परंतु यह रकम इतनी महत्वपूर्ण नहीं है मायने रखता है कि यह जानना कि इंसान सिद्धांतों के सहारे अपने जीवन अपने विचारों को भौतिक रूप कैसे देता है
आम लोगों की तरह बानर्स ने भी एडिशन के साथ बिजनेस करने की बात सोची और उस वक्त ना तो उसके पास दौलत थी और ना ही वह पर इतना पढ़ा लिखा था लेकिन उसके पीछे विश्वास और जीतने की शक्ति ने उसे इस काम में बहुत मदद की और अपने ही हाथों में बल के दम पर उसने अपना नाम देश के महान आविष्कारों की श्रेणी में लिखवाया